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Sunday 27 August 2017

गुग्गुल एक ऐसी दवा जो हार्ट मोटापा जोड़ों के दर्द मुंहासो गंजापन थाइरोइड कब्ज इत्यादि अनेक रोगों में रामबाण

गुग्गुल एक प्रकार का oil, gum और resin का मिश्रण है. जो की commiphora weightii पोधे की तने कि छाल पर गहरा cut लगाकर प्राप्त किया जाने वाला पीले रंग का पदार्थ है. यह पोधा Burseraceae family से सम्बंधित है. इसको सामान्यता gum guggul और scented Bdellium के नाम से जाना जाता है . गुग्गुल शब्द संस्कृत के गुग्गुलु से बना है जिसका अर्थ है के बिमारियों से बचाव करने वाला. आयुर्वेद में इस पौधे की गोंड इस्तेमाल की जाती है, जो नीचे दिखाई गयी तस्वीर की तरह होती है, उसको भी इस्तेमाल करने से पहले शोधना होता है, जो हमने नीचे बताया है

गुग्गुल का रासायनिक संघटन – गुग्गुल में मुख्यता नेचुरल steriods 
 Guggulsterones पाए जाते है .जो इसके cholesterol और 
triglyceride, lipid  के कम करने के इफेक्ट के लिए जरुरी है .

वैसे तो गुग्गुल में काफी गुण पाए जाते है मगर ये हृदय रोगों में अति 

विशेष है जैसे की –

 Heart Attack, Blood Choesterol, Blood Triglceride,

Hypolipidimic and Hypocholesteremic effect जो के blood triglyceride, Blood Lipid, और blood choleseterol को कम करने में सहायक है, ये Effect गुग्गल में पाया जाता हैं. इसका उपयोग तो एलॉपथी में भी बड़े दिल खोल कर बताया गया है.
आज हम मुख्य रूप से इसके blood choleseterol, triglyceride, lipid को कम करने के गुण के बारे में चर्चा करेंगे. जो ह्रदय रोगियों के लिए  गुग्गुल का बहुत  ही महत्वपूर्ण गुण है गुग्गुल में पाया जाने वाला Guggulsterone blood से bad cholesterol LDL को लीवर में ट्रान्सफर करने का काम करता है. good cholesterol HDL कि मात्रा को blood में बढाता है .
मनुष्यों में किये गए एक शोध के अनुसार Guggulsterone hypercholesterolemia (जिनमे cholesterol का लेवल ज्यादा हो ) hypertrigyceridemia (जिनमे trigyceride का लेवल ज्यादा हो) के मरीजो में 4 से 12 सप्ताह तक लेने से  14 से 27 % तक blood cholesterol में तथा 22 -30% तक blood triglyceride में कमी लाने में सफल रहा है. और किसी भीं प्रकार  का कोई side effect नही पाया गया
गुग्गुल एंटीऑक्सीडेंट प्राकृतिक होने के कारण LDL choleseterol का Oxidation रोक देता है. Oxidized LDL choleseterol ही रक्तवाहिनियो में जाकर जमा होता है और उनको ब्लाक कर देता है इस तरह गुग्गुल रक्तवाहिनियो की ब्लॉकेज को रोकता है.
गुग्गुल platelate stickness को भी कम करता है जिससे blood clot बनने के चांसेस कम हो जाते है .

Acne (मुहासे) और Cystic Acne में गुग्गल का उपयोग

गुग्गल anti acne agent है, गुग्गुल का लिपिड को कम करने का गुण होने के कारण इसका उपयोग cystic acne (मुहासे) में भी किया जा सकता है. यह मुंहासो को रोकने के लिए बेहतरीन दवा हो सकती है. यह एलोपैथिक एंटी बायोटिक Tetracycline के जैसे ही प्रभावशाली है. एलॉपथी ने भी इस बात को माना है.

मोटापा कम करने के लिए- जो भी व्यक्ति मोटापा कम करना चाहते हैं अगर वो नित्य अपनी दवाओं या घरेलु नुस्खों के साथ में गुग्गल का सेवन भी करना शुरू कर दें तो उनका मोटापा भी कम हो जायेगा, जिसके पीछे का कारण है इसका Hypolipidemic होना, जो शरीर में अनावश्यक फैट को कम करता है.

पेट की सूजन- गुड़ के साथ गुग्गुल मिलाकर दिन में तीन बार रोज खाएं। एैसा नियमित करने से पेट की सूजन ठीक होने लगती है।
मुंह संबंधी समस्याएं- 1 ग्राम गुग्गुल को पानी में घोलकर दिन में तीन बारी गरारे व कुल्ला करने से मुंह के अंदर के छाले, जलन और किसी भी तरह का घाव आदि ठीक हो जाते हैं।
गंजेपन को दूर करने के लिए- गुग्गुल को सिरके के साथ अच्छे से घोटकर लेप बना लें और सुबह शाम रोज इसे सिर पर जहां गंजापन हो वहां लगाएं। एैसा करने से धीरे-धीरे बाल उगने लगते हैं।
हड्डियों की चोट और सूजन में- हड्डियों की सूजन व चोट व दर्द होने पर गुग्गुल का सेवन करना चाहिए। यह हड्डियों  की परेशानियों में राहत देता है।
घुटनों में दर्द- गुग्गुल में anti- rheumatic जो rhematic artiritis गुण पाए जाते हैं यानि इस के सेवन से ये जोड़ों और घुटनों के दर्द में बहुत कारगर हो जाता है. घुटने के दर्द को दूर करने के लिए 20 ग्राम गुड़ में 10 ग्राम गुग्गुल को मिलाकर अच्छे से पीस लें और इसकी छोटी-छोटी बेर के जितनी 30 गोलियां बना लें। कुछ दिनों तक 1-1 गोली सुबह शाम घी के साथ लें।
दमा रोग में- दमा से परेशान लोगों को घी के साथ एक ग्राम गुग्गुल को मिलाकर सुबह-शाम लेने से फायदा मिलता है।
घाव भरता है- नारियल तेल में गुग्गुल के चूरन को मिलाकर लेप बनाकर इसे घाव वाली जगह पर लगाएं। एैसा दिन में तीन बारी करें। यह घाव ठीक कर देता है।
कान की समस्या- कान में यदि कीड़ा चला गया हो तो गुग्गुल को जलाकर उसका धुंआ कान में लें। एैसा करने से कान के अंदर के सभी कीड़ें खत्म हो जाते हैं।
सूजन और पुरानी कब्ज में लाभ- यदि कब्ज की समस्या ठीक न हो रही हो तो 5 ग्राम त्रिफला और 5 ग्राम गुग्गुल को मिलाकर गर्म पानी में घोल लें। और रात को सोने से पहले इस पानी को पीयें। यह पुरानी कब्ज की शिकायत दूर करती है। साथ ही शरीर में किसी भी तरह की सूजन भी ठीक होने लगती है।
गर्भ संबंधी फायदे- गुड के साथ गुग्गुल को खाने से स्त्रियों के गर्भ से संबंधित समस्याएं जैसे गर्भशाय के रोग आदि ठीक होते हैं।
थायराइड- गुग्गुल थायराइड की समस्या दूर करता है। यह शरीर से कैलोरी को जलाता है जिससे थायराइड की समस्या दूर होती है।

गुग्गुल को साफ करने का तरीका- गुग्गुल को साफ करने के लिए इसे दूध व त्रिफला के काढे में पका लें और इसे छानकर और सुखाने के बाद ही यह साफ गुग्गुल बनता है।

गुग्गुल के सेवन में सावधानी- गुग्गुल की तासीर गर्म होती है इसलिए अधिक गर्म प्रकृति के लोगों को इसका सेवन डॉक्टर के परामर्श के अनुसार करना चाहिए. गुग्गुल का सेवन जरूरत से ज्यादा नहीं करना चाहिए। जब भी इसका प्रयोग करें तो खट्टी चीजों, तेज मसालेदार भोजन का प्रयोग न करें। इसके अलावा गाय के दूध के साथ गुग्गुल का सेवन करें तो अधिक लाभ देगा।

साधारण रूप से इसकी dose – 500 मिलीग्राम दिन में दो या तीन बार होनी चाहिए