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Friday 1 September 2017

आधासीसी (माइग्रेन)

आधासीसी (माइग्रेन) -

सिर में दर्द कई कारणों से होता है पर एक मुख्य कारण होता है गैस ट्रबल। गैस बढ़कर जब ऊपर चढ़ती है, पास नहीं हो पाती तो यह दिल व दिमाग पर असर करती है, इसी के परिणामस्वरूप सिर दर्द होता है। आधा सीसी का दर्द.का दर्द इसी प्रकार का है, जिसमें आधा सिर दुखता है और बहुत पीड़ा होती है।   आधासीसी या माइग्रेन दर्द अति कष्टकारी होता है | इसमें सिर के आधे भाग में दर्द होता है | माइग्रेन में रोगी की आँखों के सामने अँधेरा सा छा जाता है सुबह उठते ही चक्कर आने लगते हैं | जी मिचलाना,उल्टी होना,अरुचि पैदा होना आदि आधासीसी रोग के लक्षण हैं | मानसिक व शारीरिक थकावट,चिंता करना,अधिक गुस्सा करना,आँखों का अधिक थक जाना,अत्यधिक भावुक होना तथा भोजन का ठीक तरह से न पचना आदि माइग्रेन रोग के कुछ कारण हैं !

आधासीसी के दर्द (Migraine)  पारंपरिक रूप से सिरदर्द एकतरफा, चुभने वाला और मध्यम से गंभीर तीव्रता वाला होता है । आमतौर पर यह धीरे-धीरे आता है और शारीरिक गतिविधि के साथ बढ़ता है । यह दर्द पुरुषों की अपेक्षा स्त्रियों को अधिक होता है | कई बार आधासीसी या अधार्वभेदक (Migraine) का दर्द एक विशेष समय पर प्रारंभ होकर, कम-से-कम दो घंटे अथवा दो दिन के बाद स्वयं समाप्त हो जाता है |

माइग्रेन होने का कारण Migraine Headache 

रोग के कारणों के संबंध में विशेष कुछ नहीं कहा जा सकता | परंतु कुछ विशेषज्ञों का विचार है कि सिर की रक्तवाहिनी नाड़ियों में विशेष प्रकार की संवेदना से यह दर्द प्रारंभ हो जाता है | यह रोग आनुवांशिक भी हो सकता है | कई व्यक्तियों को खट्टे फल, चॉकलेट, पनीर तथा शराब आदि पीने से भी यह दर्द आरम्भ हो जाता है | स्त्रियों को मासिक धर्म आरंभ होने के समय भी कई बार यह दर्द उत्पन्न हो जाता है |

माइग्रेन के लक्षण Migraine Symptoms 


यह दर्द सिर के एक भाग में होता है | इस दर्द का संबंध आखों की कमजोरी, मितली तथा उल्टियां आदि आने से भी है | कई बार इसके रोगी को चक्कर आने लगते हैं | मूर्छा सी छाने लगती है और आंखों, कान और गालों के आस-पास तेज दर्द होने लगता है | आंखों से पानी निकलता है | नाक बन्द हो जाती है | कुछ व्यक्ति आधे सिर के दर्द से अंधे भी हो सकते हैं | परंतु ऐसी संभावना बहुत कम लोगों में ही रहती है !
आज हम आपको माइग्रेन के लिए कुछ आयुर्वेदिक औषधियों के विषय में बताएंगे ------ 
१- एक चौथाई चम्मच तुलसी के पत्तों के चूर्ण को सुबह - शाम शहद के साथ चाटने से आधासीसी के दर्द में आराम मिलता है |
२- दस ग्राम सौंठ के चूर्ण को लगभग ६० ग्राम गुड़ में मिलाकर छोटी-छोटी गोलियां बना लें | इन्हे सुबह शाम खाने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है |

३- सिर के जिस हिस्से में दर्द हो उस नथुने में ४-५ बूँद सरसों का तेल डालने से आधे सिर का दर्द ठीक हो जाता है |

४- सुबह खाली पेट आधा सेब प्रतिदिन सेवन करने से माइग्रेन में बहुत लाभ होता है |

५- सौंफ,धनिया और मिश्री सबको ५-५ ग्राम की मात्रा में लेकर पीस लें | इसे दिन में तीन बार लगभग ३-३ ग्राम की मात्रा में पानी के साथ लेने से आधासीसी का दर्द दूर हो जाता है |
६- नियमित रूप से सातों प्राणायाम का अभ्यास करें , लाभ होगा | माइग्रेन से पीड़ित रोगी को स्टार्च,प्रोटीन और अधिक चिकनाई युक्त भोजन नहीं करना चाहिए | फल,सब्जियां और अंकुरित दालों का सेवन लाभकारी होता है |

 ७-आधासीसी के रोगी को कमरे में अंधेरा करके आराम से लेट जाना चाहिए | अधिक कष्ट होने पर ऐस्पीरीन आदि लेने से दर्द में आराम होता है |
८ . प्रात:काल देशी घी हल्का गरम करें | जब सहन करने योग्य स्थिति में आ जाए तो रोगी को लिटाकर मुंह थोड़ा ऊंचा करें और साफ मेडिकेटिड रूई से दो-दो, चार-चार बूंदें उसकी नाक में टपकाएं | रोगी को आराम मिलेगा | कुछ दिन ऐसा करने से यह रोग सदा के लिए समाप्त हो जाता है |
९ . सिर के जिस भाग में दर्द हो, पहले उस ओर के नथुने में घी की बूंदें टपकानी चाहिए | गरम करके ठण्डा किया हुआ सरसों का तेल भी उस ओर के नथुने में डालने अथवा सूघने से दर्द दूर होता है | पांच-सात दिन ऐसा करने से व्यक्ति रोगमुक्त हो जाता है |
१० . लहसुन बारीक पीसकर जिस ओर सिर में दर्द हो उस ओर लगाने से दर्द समाप्त हो जाता है | अधिक देर तक लहसुन का लेप लगे रहने से त्वचा पर फफोले हो सकते हैं | इसलिए लेप करते समय सावधान रहना चाहिए | साफ करने के बाद बोरोलीन या मक्खन आदि लगाना चाहिए |
११. रात को सोते समय पैरों के तलवों में, विशेषकर बीच के भाग में मालिश करने से अचानक होने वाला सिरदर्द ठीक हो जाता है |
१२. लौंग अथवा पुदीने को पीसकर दर्द वाली कनपटी पर लगाने से सिरदर्द में लाभ होता है |
१३. सिर, माथे अथवा कनपटी में सर्दी लगने से दर्द हो तो जायफल पीसकर लेप करने से लाभ होता है |
१४. छाया में सुखाए हुए तुलसी के पत्तों को मसलकर रोगी को सुंघाने से भी सिरदर्द में आराम मिलता है |
१५. सिरदर्द अथवा आधासीसी के दर्द में प्रायः लोग सिर पर पट्टी बांध लेते हैं | यदि पट्टी बांधने से पहले सिर की हल्की मालिश कर ली जाए तो काफी शांति मिलती है |
१६ . अनेक रोगियों का सिरदर्द सूर्य के साथ घटता-बढ़ता रहता है | ऐसे रोगियों को यदि सूर्योदय से पूर्व गरम दूध में जलेबी मिलाकर खिलाई जाए तो लाभ होता है | अनेक रोगियों को सूर्योदय से पूर्व दही, चावल और मिश्री मिलाकर खिलाने से भी सिरदर्द ठीक होता है |
१७. सिरदर्द के रोगी नियमित रूप से प्रात:काल देसी घी में काली मिर्च व मिश्री मिलाकर खाएं तो उन्हें लाभ होता है |
१८. आधे सिर के दर्द में शहद भी लाभदायक है | अचानक सिरदर्द के समय उल्टी होने की स्थिति में मुंह साफ करके, दो चम्मच शहद चाटने से लाभ होता है |
१९. तुलसी के पत्तों के चूर्ण मिली चाय सुबह  सेवन करें |
२०. पान के पत्ते को हल्का-सा गरम करके सिर के जिस भाग में दर्द हो, वहां लगाने से लाभ होता है |
२१. अजवाइन को कोयले अथवा तवे पर भूनकर सूघने अथवा उसका चूर्ण नसवार की तरह लेना भी प्रभावकारी कहा गया है |
२२. पिसी हुई लौंग में थोड़ा नमक मिलाकर दूध में पेस्ट-सा बनाकर लेप करने से सिरदर्द में आराम होता है |

२३. अदरक का रस भी अनेक प्रकार के दर्दो को शान्त करने में बहुत ही उपयोगी है | अदरक के रस की मलहम की तरह लगाने अथवा सौंठ के चूर्ण को पानी में लुगदी बनाकर लगाने से सिरदर्द में लाभ होता है |

Sunday 27 August 2017

महिलाएं माइग्रेन से परेशान होती है पुरुषों की तुलना में

 

  • माइग्रेन में सिर के आधे हिस्‍से में दर्द होता है।
  • मास्‍ट सेल्‍स  में पाया जाने वाला अंतर होता है।
  • ज्यादा मिर्च-मसाले वाली चीजों से परहेज करें।


माइग्रेन, एक ऐसी बीमारी जिसके मरीज दुनियाभर में लगातार बढ़ते जा रहे हैं। माइग्रेन में सिर के आधे हिस्‍से में दर्द होता है इसिलए इस बीमारी को आधी सीसी के दर्द से भी जाना जाता है। माइग्रेन का दर्द कोई आम सिरदर्द नहीं यह सिर के किसी एक हिस्‍से में बहुत तेज होता है जो पीड़ा देने वाला होता है कि मरीज ना तो चैन से सा पाता है और न आराम से बैठ पाता है।

वैसे तो माइग्रेन की समस्या पुरूषों और महिलाओं दोनों में देखने को मिलती है। लेकिन माना जाता है कि महिलाएं पुरूषों की तुलना में माइग्रेन से अधिक पीड़ित रहती हैं। यह बात हम नहीं कह रहे एक शोध से भी सामने आई हैं कि पुरूषों की अपेक्षा महिलाओं को सिरदर्द की अधिक शिकायत रहती है जो बाद में धीरे-धीरे बढ़कर माइग्रेन का रूप ले लेती है।

महिलाओं में क्यों ज्यादा  होता है माइग्रेन- यूएस की मिशिगेन यूनिवर्सिटी में सहायक प्रोफेसर एडम मोइसर द्वारा किए गए अध्‍ययन के अनुसार माइग्रेन होने के पीछे बड़ा कारण मास्‍ट सेल्‍स  में पाया जाने वाला अंतर होता है। यह एक प्रकार के वाइट ब्‍लड सेल्‍स होते हैं और इम्‍यूनिटी का हिस्‍सा भी होते हैं। मास्‍ट सेल्‍स, इम्‍यून सेल्‍स की महत्‍वपूर्ण श्रेणी होती हैं क्‍योंकि ये तनाव मुक्‍त जीवन संबंधी समस्‍याओं में महत्‍वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं लेकिन महिलाओं में इनकी कमी पाई जाती है।

 शोध- महिलाओं में पुरूषों की अपेक्षा इन कोशिकाओं में लगभग 8000 अंतर देखे गए जो कि माइग्रेन के लिए जिम्‍मेदार हो सकते हैं। इस अध्‍ययन से  निष्‍कर्ष निकाला है कि महिला और पुरूषों के मास्‍ट सेल्‍स, उनके क्रोमोसोम्‍स और जीन्‍स के समान सेट किये जाते हैं। इसलिए उनमें जन्‍म के पहले सही अंतर हो जाता है। इसके अलावा महिलाओं की दैनिक गतिविधियों और कार्यों पर भी इनकी वजह से असर पड़ता है। 


शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली, प्रतिरोधक क्षमता आदि भी इनसे कुछ हद तक प्रभावित होती हैं। महिलाओं के शरीर में ये पदार्थ, ज्‍यादा आक्रामक होते हैं और उन्‍हें रोगी बना देते हैं क्‍योंकि उनका निर्धारण क्रोमोसोम के अनुसार होता है। इस प्रकार निर्धारण होता है कि महिलाओं में कुछ बीमारियां पुरूषों की अपेक्षा ज्‍यादा और कुछ कम क्‍यों होती हैं।

माइग्रेन से बचने के उपाय- अगर माइग्रेन का दर्द आपको सुबह ही शुरु हो जाता है तो तुलसी के पत्तों को छाया में सुखाकर उसका चूर्ण बना लें और फिर इसमें शहद मिलाकर दिन में तीन बार चाटें। यह दर्द में राहत देगा और माइग्रेन के प्रभाव को धीरे-धीरे कम कम करेगा।


अगर आपको माइग्रेन है तो ज्यादा मिर्च-मसाले वाली चीजों से परहेज करें। नाश्ते में ताजा और सूखे फलों का सेवन करें। लंच में ऐसे चीजों का सेवन करे जो प्रोटीन भरपूर हो। मसलन दूध, दही, पनीर, दालें, मांस और मछली आदि। डिनर में चोकरयुक्त रोटी, चावल या आलू जैसी स्टार्च वाली चीजों के साथ सलाद भी लें।
  अगर आप माइग्रेन से परेशान है हमारे संस्थान से प्राकृतिक चिकित्सा द्वारा समाधान प्राप्त कर सकते है ! हर्बल जड़ी बूटी द्वारा समाधान करने के लिए - मो -84607 83401 पर सम्पर्क करे     

माइग्रेन को हल्के में न लेवे .. समय पर करे उपचार

  • ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और तनाव आदि के कारण अधिक होता है माइग्रेन।
  • माइग्रेन का दर्द कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक बना रह सकता है।
  • सर्दी लगना, वायरस और बुखार भी सिरदर्द के कारण बन जाते हैं।
  • ज्यादा देर तक भूखे नहीं रहें और थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ-ना-कुछ खाते रहें।
  • बार-बार सिर दर्द को हल्के में नहीं लेना आपको भारी पड़ सकता है। यह माइग्रेन का दर्द भी हो सकता है। माइग्रेन में सिर के एक ही हिस्से में दर्द होता है। माइग्रेन एक न्यूरोलॉजिकल समस्या है। इसमें रह-रहकर सिर में एक तरफ बहुत ही चुभन भरा दर्द होता है। यह दर्द कुछ घंटों से लेकर तीन दिन तक बना रहता है। इसमें सिरदर्द के साथ-साथ गैस्टिक, मितली, उल्टी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा माइग्रेन में रोशनी, तेज आवाज से परेशानी महसूस होती है। कई बार माइग्रेन का दर्द ब्रेन हेमरेज या लकवा का कारण भी हो सकता है।

  • माइग्रेन के कारण
    • जिन लोगों को हाई या लो ब्लड प्रेशर, ब्लड शुगर और तनाव जैसी समस्याएं होती हैं उनके माइग्रेन का शिकार होने की संभावना बढ़ जाती है।
    • एल्कोहल या किसी तरह का संक्रमण और शरीर में विषैले तत्वों का जमाव भी माइग्रेन का कारण हो सकता है।
    • भावनाओं को दबाने से भी माइग्रेन हो सकता है। इसलिए भावनाओं को दबाने के बजाय उन्‍हें अपने विश्वस्त लोगों से बांटें।
    • कभी-कभी आंखों पर अधिक जोर पड़ने से भी सिरदर्द हो जाता है। सिरदर्द कई तरह का होता है इसलिए अगर कोई आम कारण समझ में न आए तो किसी नेत्र विशेषज्ञ से भी मिलना चाहिए। अगर ऐसा हो तो आंखों के कुछ सामान्य व्यायाम से इससे राहत पाई जा सकती है।
    • सर्दी लगना, वायरस और बुखार भी सिरदर्द के कारण बन जाते हैं। इनके अलावा एक वजह आयरन की कमी भी होती है।
    • माइग्रेन का कारण आनुवांशिक भी हो सकता है। हार्मोनल असंतुलन की वजह से यह समस्या लड़कों की अपेक्षा लड़कियों में अधिक पाई जाती है।  
    • पर्याप्त नींद न लेना, भूखे पेट रहना और पर्याप्त मात्रा में पानी न पीना जैसे कुछ छोटे-छोटे कारणों से भी आपको माइग्रेन की शिकायत हो सकती है।

माइग्रेन हो तो क्या करें- 

माइग्रेन होने पर ठंडे पानी की पट्टी सिर पर रखें इससे रक्त धमनियां फैल जाती हैं और अपनी पूर्व स्थिति में आ जाती हैं।

      • नियमित रुप से व्यायाम, योग और ध्यान करने से आप अपने दिमाग को तनाव से मुक्त कर सकते हैं।
      • ज्यादा देर तक भूखे नहीं रहें। थोड़ी-थोड़ी देर में कुछ-ना-कुछ खाते रहें।
      • हरी पत्तेदार सब्जियों का सेवन करना बहुत फायदेमंद है। इसके अलावा गाजर व खीरा भी लाभदायक है।

सावधानियां- जहां पर आप काम कर रहें हों या बैठे हो वहां तेज रोशनी (जो आंखों में चुभें), तेज धूप या तेज गंध वाली नहीं होना चाहिए।

      • माइग्रेन से पीडित लोगों को जंक फूड व डिब्बा बंद पदार्थों से दूर रहना चाहिए।
      • पनीर, चॉकलेट, चीज, नूडल्स, केले व कुछ प्रकार के नट्स में ऐसे रासायनिक तत्व पाए जाते हैं जो माइग्रेन को बढ़ा सकते हैं।