Saturday 28 October 2017
लीवर कैंसर (Liver Cancer)
Friday 27 October 2017
प्लेटलेट्स से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी
प्लेटलेट्स की कमी होने का नुकसान शरीर एवं स्वास्थ्य को भुगतना पड़ता है, जानिये इनको कैसे पूरा करेँ
एक स्वस्थ शरीर की निशानी है शरीर में प्लेटलेट्स की सही मात्रा होना एवं उनका सही तरीके से काम करना लेकिन प्लेटलेट्स की कमी होने का नुकसान शरीर एवं स्वास्थ्य को भुगतना पड़ता है, शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने की स्थिति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया के नाम से जाना जाता है। एक स्वस्थ व्यक्ति में सामान्य प्लेटलेट काउंट ब्लड में 150 हजार से 450 हजार प्रति माइक्रोली टर होते है लेकिन जब यह काउंट 150 हजार प्रति माइक्रोलीटर से नीचे चला जाये तो इसे लो प्लेटलेट माना जाता है। कुछ खास तरह की दवाओं, आनुवंशिक रोगों, कुछ खास तरह के कैंसर, कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट, अधिक एल्कोहल के सेवन व कुछ खास तरह के बुखार जैसे डेंगू, मलेरिया व चिकनगुनिया के होने पर भी ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या कम हो जाती हैँ लेकिन घबराएं बिल्कुल नहीं क्योंकि कुछ आहारों की मदद से ब्लड प्लेटलेट्स को प्राकृतिक रूप से बढ़ाया जा सकता है :-
चुकंदर :चुकंदर का सेवन प्लेटलेट को बढ़ाने वाला एक लोकप्रिय आहार है. प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंट और हेमोस्टैटिक गुणों से भरपूर होने के कारण, चुकंदर प्लेटलेट काउंट को कुछ ही दिनों बढ़ा देता है. अगर दो से तीन चम्मच चुकंदर के रस को एक गिलास गाजर के रस में मिलाकर पिया जाये तो ब्लड प्लेटलेट्स तेजी से बढ़ती हैं. और इसमें एंटीऑक्सीडेंट की मौजूदगी के कारण यह शरीर की प्रतिरोधी क्षमता भी बढ़ाते हैं।
पपीता :पपीता के फल और पत्तियां दोनों का ही इस्तेमाल कुछ ही दिनों के भीतर कम प्लेटलेट को बढ़ाने में मदद करते हैं. 2009 में, मलेशिया में विज्ञान और प्रौद्योगिकी के एशियाई संस्थान में शोधकर्ताओं ने पाया कि डेगू बुखार में गिरने वाले प्लेटलेट को पपीता के पत्ते के रस के सेवन से बढ़ाया जा सकता है, आप चाहें तो पपीते की पत्तियों को चाय की तरह भी पानी में उबालकर पी सकते हैं, इसका स्वाद ग्रीन टी की तरह लगेगा।
नारियल पानी :शरीर में ब्लड प्लेटलेट को बढ़ाने में नारियल का पानी भी बहुत मददगार होता है, नारियल पानी में इलेक्ट्रोलाइट्स अच्छी मात्रा में होते हैं, इसके अलावा यह मिनरल का भी अच्छा स्रोत है जो शरीर में ब्लड प्लेटलेट्स की कमी को पूरा करने में मदद करते हैं ।
आंवला : प्लेटलेट को बढ़ाने के लिए आंवला लोकप्रिय आयुर्वेदिक उपचार है. आंवला में मौजूद भरपूर मात्रा में विटामिन सी प्लेटलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने और आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को बढ़ावा देने में मदद करता है. नियमित रूप से सुबह के समय खाली पेट 3-4 आंवला खाये. यह आप दो चम्मच आंवले के जूस में शहद मिलाकर भी ले सकते हैं।
कद्दू : कद्दू कम प्लेटलेट कांउट में सुधार करने वाला एक और उपयोगी आहार है. यह विटामिन ए से समृद्ध होने के कारण प्लेटलेट के उचित विकास का समर्थन करने में मदद करता है. यह कोशिकाओं में उत्पादित प्रोटीन को नियंत्रित करता है, जो प्लेटलेट के स्तर को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण होता है. कद्दू के आधे गिलास जूस में एक से दो चम्मच शहद डालकर दिन में दो बार लेने से भी ब्लड में प्लेटलेस्ट की संख्या बढ़ती है।
गिलोय :गिलोय का जूस ब्लड में प्लेटलेट को बढ़ाने में काफी मददगार होता है. डेंगू के दौरान नियमित रूप से इसके सेवन से ब्लड प्लेट्स बढ़ने लगती हैं और आपकी प्रतिरोधी क्षमता मजबूत होती है. दो चुटकी गिलोय के सत्व को एक चम्मच शहद के साथ दिन में दो बार लें या फिर गिलोय की डंडी को रात भर पानी में भिगो कर सुबह उसका छना हुआ पानी पी लें. इससे ब्लड में प्लेटलेट बढ़ने लगते हैं।
पालक : पालक विटामिन ‘के’ का एक अच्छा स्रोत है और अक्सर कम प्लेटलेट विकार के इलाज में मदद करने के लिए इसका प्रयोग किया जाता है. विटामिन ‘के’ सही तरीके से होनी वाली ब्लड क्लॉटिंग के लिए आवश्यक है. इस तरह से यह बहुत अधिक ब्लीडिंग के खतरे को कम करता है. दो कप पानी में 4 से 5 ताजा पालक के पत्तों को डालकर कुछ मिनट के लिए उबाल लें. इसे ठंडा होने के लिए रख दें. फिर इसमें आधा गिलास टमाटर मिला दें. इसे मिश्रण को दिन में तीन बार पीयें. इसके अलावा आप पालक का सेवन सूप, सलाद, स्मूदी या सब्जी के रूप में भी कर सकते हैं।
जनहितार्थ शेयर करेँ👆
Wednesday 25 October 2017
अश्वगंधा से किडनी Failure और Dialysis से किसी को भी बचा सकता है
Wednesday 4 October 2017
आपके पेट में भोजन पच रहा है, या सड़ रहा है
फर्मेंटेशन का मतलब है सडन और डायजेशन का मतलब हे पचना
Tuesday 3 October 2017
किडनी स्टोन में रामबाण है कुलथी की दाल और बकरी का दूध
संकेत एवं लक्षण-भूख कम लगना, यूरिन में दिक्कत, हल्का बुखार व कमजोरी जैसे लक्षण पथरी के संकेत हैं। वैसे पथरी छोटी हो तो उसका कोई लक्षण या दर्द नहीं होता। पथरी जिस स्थान पर होती है उसी जगह पर दर्द होता है। जब पथरी किसी वजह से हिलती है तो काफी दर्द व उल्टी भी आ सकती है। कई बार यूरिन के साथ ब्लड आने लगता है।मुख्य वजह व रोग का पुराना होना-सुश्रुत संहिता के अनुसार शरीर में दोष बढऩा, दिन में सोना, जंकफूड व अधिक भोजन करना, ज्यादा ठंडा या मीठा खाने से पथरी होती है। कमजोरी, थकावट, वजन घटना, भूख न लगना, खून की कमी, प्यास अधिक लगना, दिल में दर्द होना और उल्टी आना ये लक्षण लंबे समय तक बने रहें तो पथरी के पुराने होने का संकेत हो सकते हैं।
ये हैं उपाय-
* सुश्रुत संहिता में पथरी होने पर देसी घी से उपचार बताया गया है। देसी घी का अधिक सेवन करने से पथरी आसानी से बाहर निकल जाती है।
* दर्द होने पर उस स्थान पर सेक से लाभ होता है। वैसे पथरी को शुरुआती अवस्था में ही बढऩे से रोकना चाहिए।
* गोखरू के बीज का चूर्ण शहद व बकरी के दूध के साथ एक सप्ताह पीने से पथरी में आराम मिलता है।
* पथरी के रोगी टमाटर, चावल व पालक नहीं खाएं।
Monday 2 October 2017
पुनर्नवा किडनी को पुनर्जीवन देने के लिए अकेला ही काफी
पुनर्नवा का बोटैनिकल नाम BOERHAHAVIA DIFFUSSA है . अंग्रेज़ी में इसे HOG WEED भी कहते है यह NYCTAGINACEAE FAMILY से आता है .पुनर्नवा के पुरे पोधे में ही औषधीय गुण होते है . विशेषकर इसके जड़ो ओर पतियों मेंऔषधीय गुण काफी मात्र में गुण पाए जाते है. खेतों में पैदा होने वाले या अक्सर ही किसी भूमि पर अपने आप उग जाने वाले इस खरपतवार के गुण देख कर आप वाकई हैरान हो जायेंगे. हम आज आपको एक ऐसा ही इसका प्रयोग बताने जा रहें हैं जिसको करने से किडनी के समस्त रोग सही हो सकता है, यहाँ तक के जिन रोगियों का डायलिसिस चल रहा है, वो भी अपने रोग से मुक्ति पा सकते हैं. अगर यूँ कहें के ये किडनी के समस्त रोगों के लिए रामबाण हैं तो ये गलत नहीं होगा.