Wednesday 25 October 2017

अश्वगंधा से किडनी Failure और Dialysis से किसी को भी बचा सकता है

किडनी फेल  होना  Chronic kidney Diseases अंतिम चरण होता है, मुख्यता किडनी फ़ैल होने का कारण मधुमेह और उच्च रक्तचाप  को माना गया है. इसके इलावा कई प्रकार के Genetic Disorder और किडनी से रिलेटेड बीमारिया जैसे urinary Tract Disorder, Nephrotic syndrome आदि भी आगे जाकर किडनी फेल होने  का मुख्य कारण बनती है. इसके अतिरिक्त हर्दयघात और रक्तवाहिनियो में अचानक आई सिकुडन भी किडनी फ़ैल होने का कारण बन सकती है 
आज हम विद्रोही आवाज स्वास्थ्य ब्लॉग  में आपको इस प्रकार की प्राकर्तिक ओषधि के बारे में बताने जा रहे है जो न केवल किडनी की बीमारिया होने से रोकती है,बल्कि Chronic Kidney Diseases(CKD) को भी ठीक कर सकती है.
Ayurved में अश्वगंधा (Withania Somnifera) या जिसको Indian Ginseng भी कहते है,अश्वगंधा में पाए जाने वाले रसायन Withaferin A और Withanolide D इतने अदभुद  है कि ये अश्वगंधा  को kidney की बीमारियों रोकने और किडनी को बचाने के लिए एक बहुत ही अच्छे विकल्प  के तोर पर खड़ा करते है.
Diabetes ना केवल किडनी को नुकसान पहुचाती है बल्कि किडनी के फ़िल्टर सिस्टम को भी खराब कर देता है .जिससे Albumin जैसे protien भी पेशाब  में आना शुरू हो जाते है अगर Diabetes का पहले ही पता लग जाये तो किडनी को खराब होने से बचाया जा सकता है अगर अश्वगंधा का लगातार सेवन किया जाता है तो ये blood glucose लेवल को कम करता है इसके साथ साथ insulin senstivity को भी बढाता है जिससे रक्त में ग्लूकोस की मात्रा सामान्य हो जाती है .
जब blood pressure बढ़ जाता है तो किडनी की रक्तवाहिनिया धीरे धीरे नष्ट होना शुरू हो जाती है .जिससे किडनी का फिल्टर system गड़बड़ा जाता है जिससे किडनी अतिरिक्त फ्लूइड फ़िल्टर नहीं कर पाती जिससे  BP और बढ़ता जाता है शोध में पता लगा है की अश्वगंधा की जड़ का पाउडर दूध के साथ लेने से बढ़ा हुआ BP कम हो जाता है .
अश्वगंधा के सेवन से पेशाब खुलकर लगता है ,जिससे किडनी की फिल्ट्रेशन की प्रकिया सही रहती है और हानिकारक पदार्थ भी शरीर से यूरिन के द्वारा बाहर निकल जाते है जिससे edema (शरीर में पानी भर जाना ) की समस्या भी नहीं रहती है .अश्वगंधा blood में bad cholesterol की मात्रा को कम करता है . जिससे BP सामान्य रहता है और रक्त का सर्कुलेशन बिना रुकावट के होने से किडनी की फिल्ट्रेशन रेट बढ़ जाती है .
दवाओ की अधिक मात्रा लेने से, वातावरण में ज्यादा टोक्सिन होने से ये हमारे शरीर में जाकर किडनी पर अतिरिक्त दबाव डालते है जिससे Nephrotoxicity होने के चांसेस बढ़ जाते है. जिससे किडनी को नुकसान होता है और हमारे शरीर का इलेक्ट्रोलाइट बैलेंस गड़बड़ा जाता है अश्वगंधा इस प्रकार के toxins को ख़तम करता है
अश्वगंधा एक Antioxidant के तरह काम करता है Antibiotic की ज्यादा मात्रा का सेवन करने से उनके साइड इफ़ेक्ट के रूप में toxic फ्री रेडिकल बनते है जो किडनी को बहुत नुकसान पहुचाते है ये फ्री रेडिकल्स किडनी की बीमारियों और किडनी डैमेज होने का मूल कारण है इससे कैंसर भी हो सकता है . अश्वगंधा में पाए जाने वाले रसायन इन फ्री रेडिकल्स को बनने से रोकते है और इन फ्री रेडिकल्स को नष्ट भी करते है .अश्वगंधा में पाए जाने वाली ये Antioxidant प्रॉपर्टीज किडनी की कोशिकाओ को नष्ट होने से बचाती है.एक शोध के मुताबिक अश्वगंधा किडनी की क्रियात्मक इकाई नेफ्रॉन को डैमेज होने से बचाता है. एवं डैमेज नेफ्रॉन को ठीक भी कर सकता है.
अश्वगंधा में पाया जाने वाला रसायन Withaferin A बहुत से कैंसर को रोक सकता है.ये Apoptosis (कैंसर कोशिका को नष्ट करना)प्रकिया द्वारा कैंसर की कोशिकाओ को नष्ट करता है .अश्वगंधा में पाए जाने वाले प्राकर्तिक स्टेरॉयड कैंसर के दर्द और हर प्रकार की सुजन को कम करते है . किडनी की कुछ बीमारिया  जैसे Nephritis और Glomerulonephritis भी एक प्रकार की सुजन ही है. अश्वगंधा इन बीमारियों को होने से रोक सकता है जो आगे जाकर किडनी फ़ैल होने का कारण बन सकती है .

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