Monday 2 October 2017

पुनर्नवा किडनी को पुनर्जीवन देने के लिए अकेला ही काफी


पुनर्नवा का  बोटैनिकल नाम BOERHAHAVIA DIFFUSSA है . अंग्रेज़ी में इसे HOG WEED भी कहते है  यह NYCTAGINACEAE FAMILY से आता है .पुनर्नवा के पुरे पोधे में ही औषधीय गुण होते है . विशेषकर इसके जड़ो ओर पतियों मेंऔषधीय गुण काफी मात्र में गुण पाए जाते है. खेतों में पैदा होने वाले या अक्सर ही किसी भूमि पर अपने आप उग जाने वाले इस खरपतवार के गुण देख कर आप वाकई हैरान हो जायेंगे. हम आज आपको एक ऐसा ही इसका प्रयोग बताने जा रहें हैं जिसको करने से किडनी के समस्त रोग सही हो सकता है, यहाँ तक के जिन रोगियों का डायलिसिस चल रहा है, वो भी अपने रोग से मुक्ति पा सकते हैं. अगर यूँ कहें के ये किडनी के समस्त रोगों के लिए रामबाण हैं तो ये गलत नहीं होगा.

पुनर्नवा की पहचान और अन्य भाषाओँ में नाम.

वानस्पतिक नाम – Boerhavia Diffusa Linn
संस्कृत – पुनर्नवा, शोथघ्नी, विशाख, श्वेतमूला, दिर्घपत्रिका, कठिल्ल्क,, शशिवाटिका, चिराटका
हिंदी – लाल पुनर्नवा, सांठ, गदहपूरना,
उर्दू – बाषखीरा
कन्नड़ – सनाडीका Sanadika
गुजरती – राती साटोडी (Rati Satodi), Vasedo (वसेड़ो)
तमिल – mukurattei, Mukaratte
Telugu – Atianamidi
Bangali – Punarnoba, sveta punarnaba
nepali – onle sag
punjabi – khattan
marathi – punarnava, ghentuli
malyalam – Thazuthama, Tavilama
English – Erect Boerhavia, Spiderling, Spreading hog weed, Horse Purslane, Pigweed,
Arbi – Handakuki, Sabaka
Farsi – Devasapat

पुनर्नवा में पाए जाने वाले मुख्य रसायन –

PUNARNAVOSIDE, PUNARNAVINE  नामक ALKALOID पाए जाते है. LIRIODENDRIN  नामक lignans पुनर्नवा की जड़ में पाए जाते है. Potasium nitrate, ursolic acid, rotenoid भी पुनर्नवा में पाए जाते है. Only Ayurved इसके अतिरिक्त पुनर्नवा के धरती के उपरी हिस्से   में 15 amino acid पाए जाते है .जिनमे 6 अवश्यक एमिनो अम्ल है जो हमारे शरीर में नहीं बनते हमें बाहर  से भोजन के रूप में लेने पड़ते हैं. पुनर्नवा के जड़ में 14 एमिनो अम्ल पाए जाते है, जिनमे 7 अवश्यक एमिनो अम्ल है. जो हमारे शरीर में नहीं बनते और इनको हमें बाहर से ही लेना पड़ता है.

पुनर्नवा के kidney रोगों में लाभ

पुनर्नवा chronic renal failure ,chronic kidney diseases, nephrotic syndrome, urinary tract infection अर्थात kidney की बड़ी से बड़ी बीमारी को अकेले ठीक करने की क्षमता रखता है.
पुनर्नवा में मौजूद  punarnavoside जो कि एक alkaloid है, एक बहुत अच्छा diuretic है. Diuretic एक तरह का रसायन होता है जो urine की मात्रा को बढाता है जिससे urine खुलकर आ जाता है ओर शरीर में किडनी के बीमारी होने से पैदा होने वाली सुजन (जिसको edema कहा जाता है)कम हो जाती है इसके साथ ही punarnavoside एक बहुत अच्छा antibacterial, anti-inflamatory और antispasmodic antifibronolytic है.
antibacterial effect– bacterial infection को रोकता है .
anti-inflammatory effect -सुजन को कम करता है जो इन्फेक्शन से हो जाती है .
antispasmodic effect -यह खिचाव को कम करता है, जिससे दर्द कम होता है.
antifibronolytic effect -यह urine में आने वाले blood  को रोकता है जो कि urinary tract इन्फेक्शन में अक्सर हो जाता है इसे haematuria कहते है. जिसमे RBC urine में आना शुरू हो जाते है.
जो कि urinary tract infection मुख्यता  बार बार होनर वाले uti में काफी लाभकारी है । Only Ayurved इसमें मौजूद पोटैशियम नाइट्रेट भी diuretic का काम करता है।जो मूत्र को शरीर से बाहर निकालता है।जिससे kidney failure के मुख्य लक्षण edema में आराम मिलता है।

गर्भावस्था में होने वाले urinary tract इन्फेक्शन में भी पुनर्नवा बहुत उपयोगी है.

Nephrotic sndrome Treatment in Ayurved

यह एक प्रकार कि kidney कि समस्या होती है जिसमे शरीर से प्रोटीन urine के माध्यम से बहार निकलना शुरू हो जाता है ओर शरीर पर सुजन आ जाती है ओर kidney का फिल्ट्रेशन system ख़राब हो जाता है .इस समय पुनर्नावा का उपयोग किसी संजीवनी से कम नही है क्योकि इसमें मोजूद एमिनो अम्ल शरीर में हुए प्रोटीन कि कमी को पूरी करते है तथा urine में होने वाले protein lose को भी कम करते है और kidney dysfunction से होने वाली सूजन जिसे edema कहते है को भी कम करता है.

Kidney Failure Treatment In Ayurved.

पुनर्नवा chronic renal failure, chronic kidney diseases, urinary tract infection अर्थात kidney की बड़ी से बड़ी बीमारी को अपने अन्दर पाए जाने वाले विशेष रसायनों की वजह से अकेले ही ठीक करने की क्षमता रखता है.

Dialysis prevention In Ayurveda

पुनर्नवा urine output को काफी बढ़ा देता है, जिससे वो रोगी जो पेशाब ना उतरने की वजह से dialysis करवाते हैं उनको इसकी  जरुरत भी नहीं पड़ती है.

Prevent Kidney Transplant In Ayurved

अगर आपको डॉक्टर ने किडनी ट्रांसप्लांट करवाने के लिए कह भी दिया हो, तो आप रोजाना इस पुरे पौधे का जड़ समेत रस निकाल कर सुबह शाम पियें. 50 – 50 मि.ली. एक से 6 महीने तक लें, ये अवधि रोगी के रोग की स्थिति के अनुसार कम या बढ़ सकती है. और वो इसको अपनी चल रही दवाई के साथ निसंकोच ले सकता है.

control blood presure For Kidney Patient

Nephrotic syndromechronic renal failure ओर chronic kidney disease में blood presssure बहुत ज्यादा बढ़ जाता है, पुनर्नावा में पाए जाने वाला lignane  LIRIODENDRIN एक प्राकर्तिक calcium channel blocker है जोकि blood vessel को relax रखता है जिससे blood pressure नार्मल हो जाता है. Diuretic होने के कारण पुनर्नवा मूत्र की अधिक मात्रा किडनी से निकलता है। इसलिए Blood pressure संतुलित रखता है। यह एलॉपथी में बी पी को कम करने के लिए दी जाने वाली Calcium Channel Blocker – Nifedipine की तरह काम करती है. जो के मुख्यतः किडनी रोगी को Renal Failure के केस में दी जाती है.

कैसे करें सेवन.--इसको सुबह खाली पेट इसके पूरे पौधे का स्वरस निकाल कर 50 मिली सुबह और 50 मिली शाम को दीजिये. यह रोगी के रोग के अनुसार 1 से 6 महीने तक दीजिये.

स्वरस निकालने की विधि.-- किसी भी पौधे का स्वरस निकालने के लिए पहले उसको अच्छे से साफ़ कर लो, उसके बाद में पौधे को अच्छे से पत्थर पर कूट कर इसको चटनी जैसा बना लो, और फिर इसको किसी सूती कपडे से छान लीजिये. या फिर ऐसा करें, घर में मिक्सर ग्राइंडर में अच्छे से थोडा पानी मिला कर ग्राइंड कर लो और फिर इसको किसी सूती कपडे से छान लो. और यह ही रोगी को दीजिये.

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