Tuesday 26 September 2017

डिप्रेशन का कारण बन सकती हैं ये पोषक तत्वों की कमी

          पोषक तत्वों की कमी से भी हो सकता है डिप्रेशन

डिप्रेशन आज के समय में एक प्रचलित मानसिक रोग है। इसे आज के समाज का रोग भी कह सकते हैं। समय के साथ बढ़ते घरेलू विवाद, अत्यधिक व्यस्तता, आगे निकलने की होड़, मन मुताबिक काम न होना, अधिकारी द्वारा तिरस्कृत किया जाना या अपनी क्षमता पर संदेह जैसे कई कारण हैं जो अवसाद में ले जाते हैं। लेकिन, अवसाद सिर्फ इन्ही चीज़ों की देन नहीं है। कुछ पोषक तत्वों की कमी होने की वजह से भी हम अवसाद की चपेट में आ जाते हैं। आइये जानते हैं वो कौन से 7 पोषक तत्व हैं जिनकी कमी आपको डिप्रेशन का शिकार बना सकती है।
मैग्नीशियम---मैग्नीशियम एक रासायनिक तत्व है जो हमारे लिए बहुत उपयोगी है। शरीर का आधे से ज्यादा मैग्नीशियम हमारी हड्डियों में पाया जाता है जबकि बाकी शरीर में हाने वाली जैविक कियाओं में सहयोग करता है। मैग्नीशियम मस्तिष्क सहित शरीर के अनेक ऊतकों के सही ढंग से काम करने के लिए अनिवार्य है। मैग्‍नीशियम की भरपूर मात्रा न लेने से सिरदर्द, अनिद्रा, तनाव आदि की शिकायत हो सकती है।
आयरन--- आयरन की कमी की समस्या महिलाओं में आम है। लगभग 20 प्रतिशत महिलाओं, और 50 प्रतिशत गर्भवती महिलाओं को आयरन की कमी होती है। वहीं केवल तीन प्रतिशत पुरूषों में ये कमी पाई जाती है। आयरन की कमी से ऐनीमिया हो जाता है। इसके लक्षण डिप्रैशन के लक्षणों की तरह ही हैं - थकान, चिड़चिड़ापन, दिमागी धुंधलापन
विटामिन डी---विटामिन डी की कमी का संबंध डिप्रेशन, डीमेंटिया और ऑटिज्म से है। सर्दियों के महीनों में खासतौर पर हमारे शरीर में विटामिन डी की कमी हो जाती है। इसका कारण ये है कि इस समय सूर्य का प्रकाश नहीं मिल पाता, जो कि विटामिन डी का प्रमुख स्रोत है। इस कमी से बचने के लिए हमें विटामिन डी के विकल्प अपनाने की जरूरत है।
विटामिन बी समूह--- विटामिन बी समूह मस्तिष्क और तंत्रिका तंत्र के सही से काम करने में मदद करता है। यह ब्रेन, स्पाइनल कोर्ड और नसों के कुछ तत्वों की रचना में भी सहायक होते हैं। विटामिन बी समूह की शरीर में अगर कमी हो जाए तो स्मरण शक्ति कमजोर हो सकती है। आप अचानक थकान महसूस कर सकते हैं, डिप्रेशन के शिकार हो सकते हैं।  
फोलेट--- जिन लोगों में फोलेट का स्तर निम्न होता है उन पर डिप्रेशन की दवाओं का केवल 7 प्रतिशत असर होता है। इस वजह से काफी मनोचिकित्सक डिप्रेशन के इलाज और डिप्रेशन की दवा का असर बढ़ाने के लिए, डेप्लिन नाम की फोलेट की दवा खाने की सलाह देते हैं। अगर आप इस समस्या से बचना चाहते हैं तो गहरे हरे रंग की पत्तेदार सब्जियां, बींस, सिट्रस फल व जूस लें  
ऐमीनो ऐसिड्स---प्रोटीन के बिल्डिंग ब्लॉक्स आपके दिमाक को सही ढंग से काम करने में मदद करते हैं। ऐमीनो ऐसिड्स की कमी से सुस्ती, एकाग्रता की कमी व डिप्रेशन जैसी समस्याएं पैदा हो जाती हैं। ऐमीनो ऐसिड्स के अच्छे स्रोत बीफ, अंडे, मछली, बींस, सीड्स और नट्स हैं। रोजमर्रा की डाइट में इन्हें शामिल करने से शरीर में ऐमीनो ऐसिड्स की कमी धीरे धीरे दूर हो जाती है। 
 जिंक--- ज़िंक बायोकैमिकल रिएक्शन से बचाता है, शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है और श्वेत रुधिर कणिकाओं की संख्या बढ़ाकर एंटीबॉडीज़ के उत्पादन को सुगम बनाता है। ज़िंक की कोइ दैनिक खुराक तय नहीं है, और मीट, समुद्री भेजन और दूध-मेवे इसके प्रमुख स्रोत हैं

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