मेथीदाना (fenugreek) – बुढ़ापे तक स्वास्थय का खजाना
जो व्यक्ति बुढ़ापे तक स्वस्थ और हट्टा कट्टा रहना चाहता हैं, और चाहता
हैं के उसको मधुमेह, रक्तचाप, हृदय रोग, joint pain जैसी बीमारिया ना लगे
तो उसको मेथी दाने का रोज़ाना सेवन बताई गयी विधि द्वारा करना चाहिए।
मेथीदाने के फायदे ..... मैथीदाना, जितने साल जिसकी आयु हो उतने दाने लेकर धीरे-धीरे खूब
चबा-चबाकर रोजाना प्रात: खाली पेट, या शाम को पानी की सहायता से सेवन करने
चाहिए, अगर चबाने में दिक्कत हो तो पानी की सहायता से निगल सकते हैं। ऐसा
करने से व्यक्ति सदैव निरोग और चुस्त बना रहेगा और मधुमेह, जोड़ों के दर्द,
शोथ(सूजन), रक्तचाप, बलगमी बीमारियां, अपचन आदि अनेकानेक रोगों से बचाव
होगा। वृध्दावस्था की व्याधियां जैसे सायटिका, घुटने का दर्द, हाथ-पैरों का
सुन्न पड़ जाना, मांसपेशियों का खिचाव, भूख न लगना, बार-बार मूत्र आना,
चक्कर आना आदि, उसके पास नही फटकेगी। ओज, कान्ति और स्फूर्ति में वृद्धि
होकर व्यक्ति दीर्घायु होगा।
मेथीदाना सेवन के तरीके .... यद्यपि अलग-अलग बिमारियों के इलाज के लिए मैथीदाना का प्रयोग कई प्रकार
से किया जाता है जैसे मैथीदाना भिगोकर उसका पानी पीना या भिगोये मैथीदाना
को घोट छानकर पीना, उसे अंकुरित करके चबाना या रस निकालकर पीना, उसे उबालकर
उसका पानी पीना या सब्जी बनाकर खाना, खिचड़ी या कढी पकाते समय उसमे डालकर
सेवन करना, सबूत मैथीदाना प्रात: चबाकर खाना और रात्रि में पानी संग
निगलना, भूनकर या वैसे ही उसका दलिया या चूर्ण बनाकर ताजा पानी के साथ
फक्की लेना, मैथीदाना के लड्डू बनाकर खाना आदि परन्तु मैथी के सेवन का
निरापद और सबसे अच्छा तरीका है उसका काढ़ा या चाय बनाकर पीना।
विशेष --गर्मियों में इसकी फक्की लेने की बजाये रात में इसको एक गिलास पानी में
भिगो कर रख दे, सुबह मेथीदाना चबा चबा कर खा ले और ऊपर से यही भिगोया हुआ
पानी पी ले।
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