Friday 24 August 2018

फंगल इन्फेक्शन (संक्रमण ) -------बचाव

फंगल इन्फेक्शन (संक्रमण ) -------बचाव ------------डॉक्टर अरविन्द जैन भोपाल
            वायरस, बैक्टीरिया, फंगल, और परजीवी सभी त्वचा संक्रमण का कारण बन सकता है। फंगल संक्रमण आमतौर पर शरीर के किसी भी हिस्से में हो सकता है। हालांकि घरेलू नुस्खे के जरिए फंगल इन्फेक्शन का इलाज किया जा सकता है। कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली, मधुमेह, खराब स्वच्छता, गर्म वातावरण में रहने, खराब ब्लड सर्कुलेशन और त्वचा की चोट आदि फंगल इन्फेक्शन के कारण है।
             सोडियम, फॉस्फोरस, पोटेशियम, कैल्शियम, आयरन, और मैग्नीशियम से भरपूर सेब का सिरका या एप्पल साइडर सिरका किसी भी प्रकार के फंगल इंफेक्शकन के लिए बहुत आम इलाज है। एंटीमाइक्रोबील गुणों की उपस्थिति के कारण सेब साइडर सिरका, संक्रमण पैदा करने वाले कवक को मारने में मदद करता है।
        यदि आपके पैर की अंगुली में फंगस है, तो आप पानी में एक सेब का सिरका डालिए और उसमें पैर को डुबो दीजिए। आप चाहे तो सीधे भी लगा सकते हैं। इसकी हल्‍‍की एसिडिक प्रकृति संक्रमण को फैलने से रोकने में मदद करता है और स्वास्थ्य लाभ को बढ़ावा देता है।
         ट्री टी ऑयल के तेल में प्राकृतिक एंटीफंगल कंपाउंड होते हैं जो फुंगी या बैक्टीरिया को मारने में मदद करते हैं जो फंगल संक्रमण का कारण बनता है। इसके अलावा, इसके एंटीसेप्टिक गुण शरीर के अन्य अंगों में संक्रमण के फैलाव को रोकते हैं।
         इसके लिए आप ट्री टी ऑयल और जैतून का तेल या बादाम के तेल को बराबर मात्रा में मिलाएं तथा इसे प्रभावित क्षेत्र पर लगाएं। आपको जरूर फायदा मिलेगा।
       प्रोबायोटिक्स जीवित सूक्ष्मजीव हैं जो कुछ बीमारियों को रोकने और इलाज में मदद कर सकते हैं। फंगल इंफेक्शरन के घरेलू नुस्खे में दही का इस्ते‍माल कर सकते हैं।
      सादा दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स् लैक्टिक एसिड का निर्माण कर कवक के विकास को जांच में रखता है। इसके लिए आप कॉटन बॉल पर दही को संक्रमित हिस्से पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें, फिर गुनगुने पानी से धो लें।
         लहसुन खनिजों का एक अच्छा स्रोत है, जिसमें फॉस्फोरस, कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन और तांबा शामिल है। फंगल संक्रमण के इलाज के लिए लहसुन का उपयोग एक लोकप्रिय उपाय है। एंटीफंगल गुणों के कारण लहसुन किसी भी प्रकार के संक्रमण का बहुत ही प्रभावी उपाय है।
           इसके अलावा इसमें एंटीबैक्टीमरियल और एंटीबायोटिक गुण भी मौजूद होते हैं जो रिकवरी की प्रक्रिया के लिए महत्वूपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इसके लिए आप दो लहसुन की कली को लीजिए और उसे कुचल लीजिए। उसमें जैतून के तेल की कुछ बूंदें मिलाकर बारीक पेस्ट बना लें। फिर इस पेस्टक को संक्रमित हिस्से पर लगाकर 20 मिनट के लिए छोड़ दें। फिर गुनगुने पानी से त्वचा के उस हिस्से को धो लें।
        मिडयम चेन फैटी एसिड की उपस्थिति के कारण नारियल का तेल किसी भी प्रकार के फंगल संक्रमण के लिए एक प्रभावी उपाय के रूप में काम करता है।
       संक्रमण के लिए जिम्मेदार फंगल को मारने के लिए ये फैटी एसिड प्राकृतिक फंगीसाइड के रूप में काम करते हैं। इसके लिए आप धीरे-धीरे प्रभावित क्षेत्र पर नारियल के तेल को रगड़ें और इसे अपने आप सूखने दें। जब तक संक्रमण साफ नहीं हो जाता तब तक आप इसे दो या तीन बार दोहराइए।
             इसके अलावा हल्दी का उपयोग भी लाभकारी होता हैं .हल्दी के पाउडर को बेसन के साथ मिलकर कुछ बुँदे कोई भी तेल जैसे सरसों ,नारियल ,तिली  का तेल डालकर उबटन जैसा बनाकर लेप लगाए और सूखने पर उसको आराम से रगड़ कर मैल निकल ले .
             फंगस संक्रमण बरसात के दिनों में अधिक होता हैं .हम अधिकतर नमी या गीले वाले अंडरवियर .बनियान आदि पहनते हैं जिससे बहुत शीघ्रता से यह संक्रमण फैलता हैं .बहुत दिनों तक रखे हुए कपडे जैसे पल्ली ,गद्दे ,कम्बल आदि में भी वहुत अधिक संक्रमण होते हैं .
                    वर्तमान में पैक्ड फूड्स जैसे बिस्किट्स ,टोस्ट ,ब्रेड ,मैदा ,सूजी ,बाजार का आटा बेसन ,पिज़्ज़ा बर्गर आदि में अधिक खतरा होता हैं .क्योकि इन वस्तुओं के निर्माण करते समय स्वछता का ध्यान नहीं रखा जाता हैं जितना आवश्यक होता हैं .
    डॉक्टर अरविन्द जैन ,संस्थापक शाकाहार परिषद्, A2 /104  पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट ,होशंगाबाद रोड भोपाल

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