Friday 8 January 2021

चर्बी की गांठ होने के प्रमुख लक्षण ओर उपचार

चर्बी की गांठ (Lipoma) के कई कारण हो सकते हैं. इनमें से कुछ मुख्य जन्मजात यानी आनुवंशिक भी हो सकते हैं. इसके अलावा घाव के कारण, मोटापा, अधिक शराब का सेवन करने या लिवर संबंधी रोगों के कारण भी ऐसा हो सकता है.

 




लाइपोमा चर्बी की गांठ होती है

-फैट सेल्स के बढ़ने के कारण, मसल और स्किन के बीच में ये फैट सेल्स ग्रो होकर चर्बी की गांठ बन जाते हैं

-स्किन में होने वाली सबसे कॉमन ट्यूमर है लाइपोमा

-सारे लाइपोमा बेनाइन ट्यूमर होते हैं, ये कैंसर में नहीं बदलते

-न इनमें दर्द होता है, न ही ये फैलते हैं

लाइपोमा शरीर में कहीं भी हो सकता है, गर्दन, चेहरा, पीठ, हाथ, पांव, पेट कहीं भी

-ये शरीर के अंदर भी उग सकती हैं

-एक बीमारी होती है जिसे कहते हैं डेर्कम डिजीज़, इसमें शरीर में कई लाइपोमा हो जाते हैं

-लाइपोमा छोटे, बड़े दोनों साइज़ के हो सकते हैं

-लाइपोमा मर्दों में ज़्यादा पाया जाता है

-100 लोगों में एक से दो लोगों को लाइपोमा की बीमारी रहती है 

चर्बी की गांठ होने के प्रमुख लक्षण - इसके लक्षण अन्य प्रकार की गांठ से अलग हो सकते हैं। यह गांठ गर्दन, कंधे, हाथ, कमर, पेट व जांघ पर नजर आते हैं. इस तरह की गांठ में ज्यादा दर्द नहीं होता है, लेकिन किसी नस पर दबाव पड़ने पर इसमें हल्का दर्द हो सकता है. कुछ लोगों को चर्बी की गांठ होने पर कब्ज की समस्या भी रहती है. 


अक्सर हम देखते हैं कि शरीर में किसी जगह पर गांठ हो जाती है. आम भाषा में इसे कई लोग चर्बी की गांठ (Lipoma) भी कहते हैं. इन गांठों में दर्द (Pain) तो नहीं होता है, लेकिन शरीर में दिखने में अजीब लगती है. कई बार लोग इस तरह की गांठ के कारण लज्जित भी महसूस करते हैं. अब मे आपको  चर्बी की गांठ होने के कारण, लक्षण और घरेलू नुस्खे के बारे में बता रहा हु  

इस कारण से होती है चर्बी की गांठ -चर्बी की गांठ के कई कारण हो सकते हैं. इनमें से कुछ मुख्य जन्मजात यानी आनुवंशिक भी हो सकते हैं. इसके अलावा घाव के कारण, मोटापा, अधिक शराब का सेवन करने या लिवर संबंधी रोगों के कारण भी ऐसा हो सकता है.

चर्बी की गांठ होने के प्रमुख लक्षण- इसके लक्षण अन्य प्रकार की गांठ से अलग हो सकते हैं। यह गांठ गर्दन, कंधे, हाथ, कमर, पेट व जांघ पर नजर आते हैं. इस तरह की गांठ में ज्यादा दर्द नहीं होता है, लेकिन किसी नस पर दबाव पड़ने पर इसमें हल्का दर्द हो सकता है. कुछ लोगों को चर्बी की गांठ होने पर कब्ज की समस्या भी रहती है.

इन घरेलू उपाय से दूर करें चर्बी की गांठ- गांठ पर रूई से रोज नींबू का पानी लगाए, इसमें एंटी इंफ्लेमेटरी गुण जाते हैं, जो सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं. सेब का सिरका भी गांठ पर लगाया जा सकता है क्योंकि इसके इस्तेमाल से शरीर डिटॉक्सीफाई होता है, इम्यून सिस्टम बेहतर होता है और रक्त संचार भी ठीक हो सकता है. गांठ पर हल्दी का पेस्ट लगाने से प्रभावित हिस्सा जल्द ठीक होने लगता है. हल्दी में एंटीसेप्टिक, एंटीइंफ्लेमेटरी और एंटीमाइक्रोबियल गुण होते हैं. ये सूजन को कम करने और बैक्टीरिया को दूर करने का काम करते हैं.

लहसुन से भी चर्बी की गांठ का इलाज किया जा सकता है. इसमें एंटीमाइक्रोबियल, एंटीऑक्सीडेंट, एंटीबैक्टीरियल और एंटीफंगल गुण होते हैं, जो चर्बी की गांठ को कम करने के साथ-साथ बैक्टीरिया से बचाए रखने में भी मदद करते हैं. इन सबके अलावा खानपान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए. विटामिन ए और विटामिन ई से भरपूर खाद्य पदार्थों का भरपूर सेवन करें और पानी भरपूर मात्रा में पिएं.

इन चीजों के सेवन से बचें- कॉफी और चाय में कैफीन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो गांठ के बढ़ने का कारण बन सकता है. वहीं, तैलीय व मसाला युक्त खाने का भी परहेज करना चाहिए.

चर्बी की गांठ का इलाज- आयुर्वेद के अनुसार, ज्यादातर चर्बी की गांठ सर्जरी के माध्यम से ठीक की जा जाती है, लेकिन सर्जरी के बाद कई मामलो में इसके दुष्प्रभाव भी देखे गए हैं. वहीं, कुछ मामलों में इंजेक्शन लगाकर भी गांठ को सिकोड़ा या छोटा किया जा सकता है.

उपचार - लिपोमा का औषधियों के द्वारा इलाज
  1. कांचनार की पेड़ की छाल किसी भी प्रकार की गांठ के लिए लाभदायक है। इसके लिए 10-20 ग्राम छाल को 400 ग्राम पानी में पका लें। जब पानी 100 से 50 ग्राम रह जाए तो उसे छानकर पी लें।
  2. एक अनुभूत योग -- शीला सिंदूर - 4 ग्राम , ताम्र भष्म -1 ग्राम , प्रवाल पिष्टि 10ग्राम , मुकताशुकती  भस्म 5 ग्राम , गिलोय सत्व 10 ग्राम सभी को मिक्स करके 60 पुड़िया बना कर सुबह व रात्रि शहद के साथ लेवे साथ मे कांचनार कषाय का सेवन करे काफी अच्छा फायदा मिलेगा  

अस्वीकरण : इस लेख में दी गयी जानकारी कुछ खास स्वास्थ्य स्थितियों और उनके संभावित उपचार के संबंध में शैक्षणिक उद्देश्यों के लिए है। यह किसी योग्य और लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक द्वारा दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवा, जांच, निदान और इलाज का विकल्प नहीं है। यदि आप, आपका बच्चा या कोई करीबी ऐसी किसी स्वास्थ्य समस्या का सामना कर रहा है, जिसके बारे में यहां बताया गया है तो जल्द से जल्द डॉक्टर से संपर्क करें। यहां पर दी गयी जानकारी का उपयोग किसी भी स्वास्थ्य संबंधी समस्या या बीमारी के निदान या उपचार के लिए बिना विशेषज्ञ की सलाह के ना करें। यदि आप ऐसा करते हैं तो ऐसी स्थिति में आपको होने वाले किसी भी तरह से संभावित नुकसान के लिए  विनय आयुर्वेदा जिम्मेदार नही  होगा।

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