Wednesday 30 August 2017

गर्भाशय (बच्चेदानी) में सूजन के लक्षण, कारण और घरेलु उपचार

गर्भाशय (बच्चेदानी) में सूजन के लक्षण, कारण और घरेलु उपचार
रक्तप्रदर, माहवारी के विभिन्न विकार, प्रसव के बाद होने वाली दुर्बलता में भी है रामबाण
कई बार महिलाओं की Uterus–बच्चेदानी में सूजन आ जाती है । बदलते वातावरण या मौसम का प्रभाव गर्भाशय को अत्यधिक प्रभावित करता है जिससे प्रभावित होने पे महिलाओं को बहुत कष्ट उठाना पड़ता है।  इसके प्रभाव से भूख नही लगती है।  सर-दर्द-हल्का बुखार या कमर-दर्द-और पेट दर्द की समस्या रहती है।
गर्भाशय की सूजन क्या कारण है-
प्रसव के दौरान सावधानी न बरतने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है।
पेट की मांसपेशियों में अधिक कमजोरी आ जाने के कारण तथा व्यायाम न करने के कारण या फिर अधिक सख्त व्यायाम करने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है।
भूख से अधिक भोजन सेवन करने के कारण स्त्री के गर्भाशय में सूजन आ जाती है तथा अधिक तंग कपड़े पहनने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है।
पेट में गैस तथा कब्ज बनने के कारण गर्भाशय में सूजन हो जाती है।
जरुरत से जादा अधिक सहवास करने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है।
औषधियों का अधिक सेवन करने के कारण भी गर्भाशय में सूजन हो सकती है।
गर्भाशय में सूजन का उपचार
रेवन्दचीनी को 15 ग्राम की मात्रा में पीसकर आधा-आधा ग्राम पानी से दिन में तीन बार लेना चाहिए। इससे गर्भाशय की सूजन मिट जाती है।
गर्भाशय में सूजन से पीड़ित महिला को चटपटे मसालों-मिर्च-तली हुई चीजें और मिठाई से परहेज रखना चाहिए।
चिरायते के काढ़े से योनि को धोएं और चिरायता को पानी में पीसकर पेडू़ और योनि पर इसका लेप करें।  इससे सर्दी की वजह से होने वाली गर्भाशय की सूजन नष्ट हो जाती है।

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