Friday 24 November 2017

ऑफिस में तनाव ज्यादा लेने पर डायबिटीज का खतरा ज्यादा

क्या आप ऑफिस से जुड़े हुए काम के दवाब में रहकर मानसिक तनाव के शिकार होते जा रहे हैं. यदि ऐसा है तो यह खबर आपके लिए बहुत जरूरी है.
एक शोध से सामने आया है कि ऐसे लोगों को टाइप-2 डायबिटीज होने का खतरा 46 फीसदी बढ़ जाता है. ये निष्कर्ष डेनमार्क की कोपेनहेगन यूनिवर्सिटी के शोध से स्पष्ट हुआ है. शोध में वर्कप्लेस के माहौल, शरीर के मेटबॉलिज्म और डायबिटीज के बीच संबंध बताया गया है. शोध के आधार पर स्पष्ट किया गया कि काम की लगातार आलोचना झेलने या लगतार मानसिक तनाव से गुजरना व्यक्ति के टेस्टोस्टेरॉन लेवल और मानसिक सेहत को प्रभावित करती है.
शोधकर्ताओं के ग्रुप में शामिल प्रोफेसर डॉ. नाजा रॉड ने बताया कि आपके वर्कप्लेस का माहौल कैसा है, इसका सीधा असर आपके स्वास्थ्य पर पड़ता है. ऐसे में व्यक्ति की मानसिक सेहत पर इसका असर पड़ता है. मानसिक सेहत बिगड़ने पर इसका सीधा असर व्यक्ति के खान-पान की आदतों पर पड़ता है. इससे इंसान का मेटाबॉलिज्म खराब होता हो जाता है. मेटाबॉलिज्म गड़बड़ होने पर पाचन क्रिया भी गड़बड़ा जाती है और मोटापे की समस्या बढ़ जाती है.
शोधकर्ताओं ने इस शोध में 40 से 65 वर्ष की उम्र के 45,905 लोगों को शामिल किया था. इनमें 19,280 पुरुष और 26,625 महिलाएं थीं. इन सभी लोगों के ऑफिस के माहौल, इस माहौल के उनपर प्रभाव और मानसिक सेहत का 11 साल तक अध्ययन किया गया. नतीजे में पाया गया कि वर्कप्लेस पर ज्यादा तनाव का सामना करने पर महिलाओं में टाइप-2 डायबिटीज का खतरा 36% तक बढ़ता है, जबकि पुरुषों में ये आंकड़ा 61% तक रहता है.
शोध में पाया गया कि जो लो तनाव के शिकार थे, उनमें से 40 फीसदी लोगों का बीएमआई (वजन-लंबाई का अनुपात) गड़बड़ था. अध्ययन में शामिल एक-तिहाई लोगों ने माना कि वर्कप्लेस पर उन्हें सबसे ज्यादा तनाव अपने मैनेजर से मिलता है. 36 प्रतिशत लोगों ने तो इस कारण नौकरी ही छोड़ दी.

No comments:

Post a Comment