Thursday 31 August 2017

मधुमेह (डायबिटीज़) ओर कारण ओर घरेलू उपचार

खून में चीनी (बल्ड शुगर) को नियंत्रण न कर पाने के बीमारी को “डायबिटीज़” कहते हैं। डायबिटीज़ की बीमारी एक खतरनाक रोग है। यह बीमारी में हमारे शरीर में अग्नाशय द्वारा इंसुलिन का स्त्राव कम हो जाने के कारण होती है।रक्त ग्लूकोज स्तर बढ़ जाता है, साथ ही इन मरीजों में रक्त कोलेस्ट्रॉल, वसा के अवयव भी असामान्य हो जाते हैं। धमनियों में बदलाव होते हैं। इन मरीजों में आँखों, गुर्दों, स्नायु, मस्तिष्क, हृदय के क्षतिग्रस्त होने से इनके गंभीर, जटिल, घातक रोग का खतरा बढ़ जाता है। डायबिटीज़ होने पर शरीर को भोजन से ऊर्जा प्राप्त करने में कठिनाई होती है। पेट फिर भी भोजन को ग्लूकोज में बदलता रहता है। ग्लूकोज रक्त धारा में जाता है। किन्तु अधिकांश ग्लूकोज कोशिकाओं में नही जा पाते जिसके कारण इस प्रकार हैं
:
  • इंसुलिन की मात्रा कम हो सकती है।
  • इंसुलिन की मात्रा अपर्याप्त हो सकती है किन्तु इससे रिसेप्टरों को खोला नहीं जा सकता है।
  • पूरे ग्लूकोज को ग्रहण कर सकने के लिए रिसेप्टरों की संख्या कम हो सकती है।
  • यह रोग, खून के जांच से पता चलता है।
डायबिटीज़ के कारण
  • खून में चीनी (बल्ड शुगर) को सामान्य स्तर में नियंत्रित होना आवश्यक है। इसके लिये शरीर में अनेक अंग और होरमोंस मिलकर काम करते हैं। अगर आपका शरीर यह नियंत्रण के शक्ति खो देता है, तो आपको “डायबिटीज़” हो जाता है।
  • आधिकांश समय (90%) यह गर्भ के शुरुआत में हो सकता है। लेकिन यह जरूरी नहीं है कि आपको गर्भ के अंत में “डायबिटीज़” नहीं हो सकता है।
  • कुछ लोग को पहले से “डायबिटीज़” होता है, जिसके बारे में वो अवगत नहीं होते हैं। यह जब गर्भ के दौरान बढ़ जाता है, तो जांच के बाद पहचाना जाता है।
  • गर्भ के होरमोंस जैसे कि “प्रोजेस्टेरोन” और “प्लासेंटल लेक्टोजन”, शरीर में उत्तपन “इंसुलिन” के विपरीत काम करते हैं। यह आपको “डायबिटीज़” का अवस्था दे सकता है।
डायबिटीज़ की संभावना
  • गर्भ के अनेक समस्याओं में से “जेस्टेशनल डायबिटीज़” सबसे ज्यादा लोगों में होता है।
  • “जेस्टेशनल डायबिटीज़” करीब 20 में से 1 मां को हो सकता है।
  • भारतीय लोगों में “जेस्टेशनल डायबिटीज़” अधिक होता है।
  • अगर मां को उपर लिखे हुय कोई भी स्थिती है, तो उसका “जेस्टेशनल डायबिटीज़” होने का रिस्क और बढ़ जाता है।
  • गर्भ के दौरान अगर आपको “डायबिटीज़” हो जाता है, तब उसे “गर्भ में डायबिटीज़” या “जेस्टेशनल डायबिटीज़” कहते हैं। इसके लिये यह जरूरी नहीं है कि आपको उसके लिये इंसुलिन का दवा लेना पड़े या नहीं, या यह रोग गर्भ के बाद रहता है या नहीं।
  • गर्भवती महिलाओं के लिए समस्या
    • प्रसव के दौरान, बड़ा बच्चा होने के कारण, आपरेशन (cesarean section) हो सकता है।
    • प्रसव के दौरान, बड़ा बच्चा होने के कारण, प्रसव पीड़ा हो सकता है
    • आगे जिंदगी में, “डायबिटीज़”, होने का संभावना बहुत अधिक होता है। करीब 2 में से 1 महिला को, जिसे “जेस्टेशनल डायबिटीज़” होता है, आगे जाकर “डायबिटीज़” हो सकता है।
    बच्चे को खतरा
    • सामन्य से अधिक, बड़ा बच्चा हो सकता है। इसे मेक्रोसोमिया (Macrosomia) कहते हैं।
    • अन्य लोगों के अनुपात में, जिन मां को “जेस्टेशनल डायबिटीज़” होता है, उनके बच्चे को मेक्रोसोमिया होने का 2 से 3 गुना अधिक संभावना होता है।
    • बड़ा बच्चा से प्रवस के कारण बच्चे के हाथ के नस को चोट (nerve damage) पहुंच सकता है, जो हाथ पर असर कर सकता है। यह ठीक होने में एक साल लग सकता है।
    • बड़ा बच्चा से प्रवस के कारण बच्चे के गर्दन का हड्डी टूट सकता है (clavicular fracture), जो हाथ पर असर कर सकता है। यह ठीक होने में दो महीना लग सकता है।
    • रक्त में शर्करा की मात्रा सामान्य से अधिक होने की स्थिति को मधुमेह का कारण बनती है। इस बीमारी का अभी तक कोई स्थाई इलाज सामने निकल कर नहीं आया है। इसलिए अगर आपको डायबीटीज को कंट्रोल करना है तो अच्छा पौष्टिक आहार के साथ-साथ आपको अपने लाइफस्टाइल में परिवर्तन लाना होगा। इस बीमारी को घरेलू इलाज से काफी हद तक कम किया जा सकता है। आइए जानते है मधुमेह को घरेलू इलाज से कैसे कंट्रोल कर सकते हैं।


  • मधूमेह को ठीक करने के लिए घरेलू इलाज

    1.    करेला- डायबिटीज में करेला काफी फायदेमंद होता है, करेले में कैरेटिन नामक रसायन होता है, इसलिए यह प्राकृतिक स्टेरॉयड के रुप में इस्तेमाल होता है, जिससे खून में शुगर लेवल नहीं बढ़ पाता। करेले के 100 मिली. रस में इतना ही पानी मिलाकर दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है।

    2.    मेथी- मधुमेह के रोगियों के लिए मेथी बहुत फायदेमंद होता है। अगर आप रोज़ 50 ग्राम मेथी नियमित रुप से खाएगें तो निश्चित ही आपका ग्लूकोज़ लेवल नीचे चला जाएगा, और आपको मधुमेह से राहत मिलेगी।

    3.    जामुन- जामुन का रस, पत्ती़ और बीज मधुमेह की बीमारी को जड़ से समाप्त कर सकता हैं। जामुन के सूखे बीजों को पाउडर बना कर एक चम्मच दिन में दो बार पानी या दूध के साथ लेने से राहत मिलती है।

    4.    आमला- एक चम्मच आमले का रस करेले के रस में मिला कर रोज पीएं , यह मधुमेह की सबसे अच्छी दवा है।

    5.    आम की पत्ती - 15 ग्राम ताजे आम के पत्तों को 250 एमएल पानी में रात भर भिगो कर रख दें। इसके बाद सुबह इस पानी को छान कर पी लें। इसके अलावा सूखे आम के पत्तों को पीस कर पाउडर के रूप में खाने से भी मधुमेह में लाभ होता है।

    6.    शहद- कार्बोहाइर्ड्रेट, कैलोरी और कई तरह के माइक्रो न्यू ट्रिएंट से भरपूर शहद मधुमेह के लिए लाभकारी है। शहद मधुमेह को कम करने में सहायता करता है।

    इसके सेवन से भी मिलता है आराम

    1.    एक खीरा, एक करेला और एक टमाटर, तीनो का जूस निकालकर सुबह खाली पेट पीने से मधुमेह नियंत्रित होता है।

    2.    नीम के सात पत्ते सुबह खाली पेट चबाकर या पीसकर पानी के साथ लेने से मधुमेह में आराम मिलता है।

    3.    सदाबहार के सात फूल खाली पेट पानी के साथ चबाकर पीने से मधुमेह में आराम मिलता है।

    4.    जामुन, गिलोय, कुटकी, नीम के पत्ते, चिरायता, कालमेघ, सूखा करेला, काली जीरी, मेथी इन सब को समान मात्रा में मिलाकर चूर्ण बना लें। यह चूर्ण सुबह-शाम खाली पेट पानी के साथ लें, इससे मधुमेह में आराम मिलता है।

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